बड़ी खबर! घरेलू बाजार में घटेंगे चावल के दाम, सरकार ने 'राइस इंडस्ट्री एसोसिएशन' को दिया ये आदेश
Rice Price: सरकार ने घरेलू बाजार में चावल की कीमतों कम करने को लेकर बड़ा कदम उठाया है.
(Image- Freepik)
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Rice Price: सरकार ने घरेलू बाजार में चावल की कीमतों कम करने को लेकर बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने 'राइस इंडस्ट्री एसोसिएशन' को तत्काल प्रभाव से चावल की खुदरा कीमत में कमी करने का निर्देश दिया है. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने गैर-बासमती चावल (Non-Basmati Rice) के घरेलू मूल्य परिदृश्य की समीक्षा करने के लिए, चावल प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक बुलाई.
मुनाफाखोरी से सख्ती से निपटा जाएगा
इस खरीफ की अच्छी फसल, भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास पर्याप्त भंडार होने और चावल के निर्यात के बारे में अलग-अलग नियमों के बावजूद चावल के घरेलू दाम बढ़ रहे हैं. चावल उद्योग को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि घरेलू बाजार में कीमतों को उचित स्तर पर लाया जाए और मुनाफाखोरी के प्रयासों से कड़ाई से निपटा जाए. चावल की वार्षिक मुद्रास्फीति दर (Inflation Rate) पिछले दो वर्षों से 12% के आसपास चल रही है और पिछले कुछ वर्षों में इसमें बढ़ोतरी हो रही है जो चिंता का कारण है.
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चावल की खुदरा कीमत तत्काल प्रभाव से कम हो
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बैठक के दौरान इस बात पर चर्चा हुई कि कम कीमतों का लाभ अंतिम उपभोक्ताओं तक तेजी से पहुंचाया जाना चाहिए. प्रमुख चावल उद्योग संघों को परामर्श दिया गया कि वे अपने संघ के सदस्यों के साथ इस मुद्दे को उठाएं और सुनिश्चित करें कि चावल की खुदरा कीमत तत्काल प्रभाव से कम हो. ऐसी खबरें हैं कि थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं द्वारा प्राप्त लाभ के अंतर में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिसे नियंत्रित करने की जरूरत है. इसके अलावा, यह सुझाव दिया गया कि जहां मैक्सिमम रिटेल प्राइस (MRP) और वास्तविक खुदरा मूल्य के बीच व्यापक अंतर मौजूद है. उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए इसे वास्तविक स्तर पर लाने की जरूरत है.
भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने राइस प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज को सूचित किया कि अच्छी गुणवत्ता वाले चावल का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है जिसे खुला बाज़ार बिक्री योजना (OMSS) के तहत 29 रुपये प्रति किलोग्राम के रिजर्व प्राइस पर प्रदान किया जा रहा है. यह भी सुझाव दिया गया कि निर्माता/व्यापारी खुला बाज़ार बिक्री योजना (OMSS) के तहत FCI से चावल उठाने पर विचार कर सकते हैं जिसे उपभोक्ताओं को उचित लाभ के अंतर के साथ बेचा जा सकता है.
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खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग देश में चावल के मूल्यों पर बारीकी से निगरानी करता है और समीक्षा करता है और जब भी चावल जो आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, की सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है, कदम उठाता है. ऐसे में भारतीय उपभोक्ता आने वाले दिनों में चावल के लिए कम कीमत चुकाने की आशा कर सकते हैं.
10:05 PM IST